मिलकर क्यों नहीं?

लोकडाउन बढ गया। कुछ लोगो को फिर भी बाहर निकलना है, घुमना है, मिलना है, दंगे करने है, ये इन लोगो को समझ नहीं आ रहा कि लोकडान इन लोगों कि वजह से ही बढा है। कितने लोग समझाने मे लगे है कि करोना को हलके मे ना लो। किसी कि नही सुननी तो देश मे अब कोरोना के केस देख लो या बाहर देशों कि हालत देख लो। तुम लोगों को अपनी चिंता नहीं है तो अपने परिवार का ही सोच लो। और दंगे क्यो कर रहे हो, तुम्हें सेफ नहीं रहना,तो औरों को तो सेफ रहने दो।


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